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OFC

OFC का पूरा नाम ऑप्टिकल फाइबर केबल है. OFC CABLE ग्लास-सिलिका को मिश्रित करके बनाया जाता है. यह आजके ज़माने में काफी अव्वल दर्जे का केबल है. टेलीफोन, इंटरनेट, केबल-टीवी इत्यादि हर जगह आज-कल OFC कि मीडिया का ही इस्तेमाल हो रहा है. OFC में बिजली-पानी का और नमी का कोई असर नहीं होता है.इसलिए इसमें सिर्फ एक ही FAULT होता है BREAK FAULT मतलब अगर केबल टूट जाती है तब ही COMMUNICATION बन्द होता है! इसमें असंख्य CHANNEL चला सकते हैं. SEA-CABLE में भी OFC का ही इस्तेमाल किया जाता है. ये काफी महँगी केबल होती है,इसको लेआउट करने तथा  JOINTING में काफी खर्च आता है. इसकी JOINTING-KIT काफी महँगी होती है. इसमें COMMUNICATION RAYS (किरण) की तरह होता है, इसलिए ये TOTAL INTERNAL REFLACTION PRINCIPLE पर काम करता है.कहने का मतलब है कि इसमें किरणें बंच बनकर गुजरती है. इसके कंडक्टर को कोर कहा जाता है. पर्त्येक कोर असंख्य चैनल चलाने में सक्षम होता है. कोर के उपर के लेयर को CLADDING कहा जाता है. CLADDING के उपर COLOUR COATING होती है जिससे कोर का पहचान किया जाता है. OFC में कोर को एक प्लास्टिक के BUFFER में रखा जाता है, फाइबर की सुरक्षा के लिए BUFFER के अन्दर जेली भरी होती है. OFC में DUMMY BUFFER का इस्तेमाल BUFFER के बीच गैप को भरने के लिए किया जाता है. BUFFERS के बीच में एक सफ़ेद रंग का स्ट्रेंथ मेम्बर होता है जो केबल को मजबूती प्रदान करता है. अलग-अलग कंपनिया अलग-अलग तरह कि डिजाईन और कलर-कोडिंग का इस्तेमाल करती है.ये लकड़ी के कमर्शियल ड्रम में विभिन्न रंगों में आता है जैसे- ORANGE, BLACK, GREEN. 1 ड्रम में 2 किलोमीटर तक या उससे कम OFC आ सकती है. इसमें साधारणतया JFC वाली कलर-कोडिंग को ही इस्तेमाल में लिया जाता है. OFC में 12 तरह के कलर-कोडिंग होते हैं!

           1.BLUE            2.ORANGE

           3.GREEN        4.BROWN

           5.SLETY          6.WHITE

           7.RED             8.BLACK

           9.YELLOW      10.PINK

          11.WATER       12.VIOLET.

OFC केबल को लेआउट करते समय रूट को दिखाने के लिए पीले रंग का रूट इंडिकेटर लगाया जाता है. और जॉइंट के जगह पे लाल रंग का इंडिकेटर लगाते हैं!

OFC में कोर की पहचान 

OFC में कोर की पहचान कोर या बफर दोनों की कलर-कोडिंग से लगाया जाता है. अगर फाइबर में कलर-कोडिंग ना हो तो इसका पता बफर से लगाना पड़ता है. आइये देखें कैसे-

6 कोर OFC-  OFC में कभी-कभी 1 ही बफर में 6 फाइबर को कलर-कोडिंग से दिया जाता है. इसको पहचानना आसान होता है. अगर 3 बफर के अन्दर 2-2 कोर को डाला गया हो और सिर्फ एक बफर ब्लू कलर का हो सभी फाइबर ब्लू & वाइट हो बाकि बफर और डमी वाइट कलर का हो तो आपको ब्लू बफर के फाइबर को 1 और 2 समझना चाहिए. अब ब्लू बफर की ANTICLOCK डायरेक्शन में जो बफर है उसके अन्दर का ब्लू फाइबर 3 नंबर होगा और वाइट फाइबर 4 नंबर. यही 12 कोर के OFC में भी हो सकता है.

12 कोर OFC- अगर आपके पास ब्लू और ऑरेंज दो बफर है तो ब्लू बफर के फाइबर को क्रमशः  1 और 2 नंबर समझना चाहिए. 12 कोर OFC में एक ही बफर में 4 फाइबर हो सकते हैं. इसकी कलर-कोडिंग (1) BLUE, (2) ORANGE, (3) GREEN और (4) WHITE या और कोई भी कलर हो सकती है, उसे आपको 4 नंबर फाइबर ही समझना चाहिए. जरूरी नही है कि 4 नंबर फाइबर BROWN ही होगा.

24 कोर OFC- 6 बफर में 4-4 फाइबर हो सकते हैं, या 4 फाइबर में 6-6 फाइबर हो सकते हैं. इसकी भी कलर-कोडिंग SAME होगी.

48 कोर OFC- 4 बफर में 12-12 फाइबर हो सकते हैं, या 6 बफर में 8-8 फाइबर हो सकते हैं. OFC में 48 कोर से RIBBON FIBER शुरु हो जाती है. RIBBON FIBER में 12-12 कोर के 4 रिबन होते हैं जिसमे 12 कोर का कलर-कोडिंग रहता है. RIBBON FIBER को जोड़ने के लिए सभी टूल अलग होते हैं. जिसमे 12 कोर को एकबार में ही SPLICE किया जाता है.

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