CELLS
CELL- जो केमिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिक एनर्जी में बदली करता है उसे सेल कहते हैं. CELL दो प्रकार का होता है!
1. PRIMARY CELL
2. SECONDARY CELL
PRIMARY CELL भी दो प्रकार का होता है-
1. DRY CELL
2. INNERT CELL
DRY CELL- इस CELL में जिंक के बने बर्तन में नौसादर के पेस्ट को भरा जाता है. इस बर्तन के बीच कार्बन की रोड होती है, जिसके चारों ओर मेंग्नीज डाइऑक्साइड, नौसादर,जिंक क्लोराइड तथा कार्बन का चूर होता है. ये लेक्लांसे CELL जैसा होता है. ये प्लास्टर of पेरिस के कारण जमकर कड़ी हो जाती है. फिर इसके बहार जिंक कि चादर लपेट देते हैं. इसका वोल्टेज 1.5 VOLT होता है. DRY CELL तीन प्रकार के होते हैं.
1. DRY CELL NO-1
2. DRY CELL NO-3
3. DRY CELL NO-6
INNERT CELL- ये भी DRY CELL जैसा ही होता है, बस फर्क इतना है कि इसमें केमिकल पेस्ट की जगह DRY मसाला भरा जाता है. इस्तेमाल करने से पहले सिर्फ पानी डालने कि जरूरत होती है. पानी के संपर्क में आने से इसमें रासायनिक अभिक्रिया शुरू हो जाति है. ये तीन प्रकार का होता है-
1. QUEEN SIZE
2. SUGAR SIZE
3. ORANGE SIZE
ELECTRO MOTIVE FORCE (EMF)- ये एक ऐसा force है जो किसी सर्किट में करंट को चलने के लिए मजबूर करती है. EMF को वोल्टेज में मापा जाता है.
VOLTAGE- करंट को चलने के लिए जो मजबूर करता है उसे वोल्टेज कहते हैं.इसे वोल्टेज में मापते हैं. ये सर्किट में करंट का INFACE होता है.
CURRENT- किसी कंडक्टर के उपर इलेक्ट्रान के बहाव को करंट कहते हैं. करंट को एम्पीयर में मापा जाता है.
RESISTANCE-किसी कंडक्टर में करंट को चलने में जो रुकावट पैदा करता है उसे RESISTANCE कहते हैं. इसको ओम्स में मापा जाता है, और 'r' से दर्शाया जाता है!
CONNECTION OF CELLS
SERIES CONNECTION-जब अलग-अलग सेलों को SERIES CONNECTION में करना हो तो एक सेल के नेगेटिव टर्मिनल को दुसरे सेल के पॉजिटिव टर्मिनल में जोड़ने से सर्किट में वोल्टेज बढ़ जाता है,और करंट बराबर ही रहता है!
PARALLEL CONNECTION- जब अलग-अलग सेलों को PARALLEL CONNECTION में करना हो तो एक सेल के नेगेटिव टर्मिनल को दुसरे सेल के भी नेगेटिव टर्मिनल में ही जोड़ा जाता है. इया CONNECTION में सर्किट में करंट बढ़ जाता है,और वोल्टेज उतना ही रहता है!
MULTIPLE CONNECTION- इस तरह के कनेक्शन में MIX GROUPING किया जाता है, जिसमे कुछ सेलों को SERIES और कुछ सेलों को PARALLEL CONNECTION में जोड़ा जाता है.उसे MULTIPLE CONNECTION कहा जाता है!
BATTERY - सेलों के समूह को BATTERY कहते हैं. इसमें केमिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिक एनर्जी में बदली करके इकठ्ठा करते हैं, और जब जरूरत हो तब इस्तेमाल में ला सकते हैं!
GENERATOR- जो मेकनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिक एनर्जी में बदली करता है उसे GENERATOR कहते हैं. इसको चलाने के लिए अलग-अलग से पावर की जरूरत होती है! GENERATOR दो प्रकार के होते हैं. 1 AC GENERATOR, 2 DC GENERATOR